मेरे मेहबूब कयामत होगी आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी
सिंगर: किशोर कुमार
आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी..
मेरी नज़रे तो गिला करती है...
तेरे दिल को भी तुझसे शिकायत होगी...
मेरे मेहबूब....
तेरी गली में आता सनम
नगमा वफा का गाता सनम
तुझसे सुना ना जाता सनम...
फिर आज इधर आया हु मगर...
ये कहने में दीवाना..
खत्म बस आज ये वहशत होंगी...
आज रुसवा तेरी गलियों मे मोहब्बत होगी...
मेरे मेहबूब....
मेरी तरह तू आहे भरे
तू भी किसी से प्यार करे
और रहे वो तुझसे परे
तूने ओ सनम ढाए है सितम
तो ये तू भूल ना जाना..
के ना तुझपे भी इनायत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों मे मोहब्बत होगी...
मेरे मेहबूब कयामत होगी
आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी...
मेरी नज़रे तो गिला करती है
तेरे दिल को भी सनम तुझसे शिकायत होगी...
मेरे मेहबूब...
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